प्रदीप मिश्रा के अनुसार संतान प्राप्ति के उपाय : जानें शिव पुराण, आयुर्वेदिक, आंकड़े की जड़ के उपाय

संतान प्राप्ति के उपाय प्रदीप मिश्रा:- कुंडली में ग्रहों की दृष्टि और Santan भाव में उनकी स्थिति संतान सुख को प्रभावित कर सकती है। यदि किसी नीच ग्रह की दृष्टि हो या संतान भाव में कोई दोष हो तो Santan सुख में बाधा आ सकती है। इसके लिए कुंडली के दोषों का निदान करना और उसके अनुसार उपाय करना बहुत जरूरी है। इन उपायों को करने से भगवान की कृपा से Santan सुख की प्राप्ति में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं। इस लेख मे जानेंगे की Santan Prapti Ke Upay Pradeep Mishra के उपाय कौन कौन से है। 

 Santan Prapti Ke Upay Pradeep Mishra

संतान प्राप्ति के उपाय प्रदीप मिश्रा | Santan Prapti Ke Upay Pradeep Mishra

रिद्धि-सिद्धि के दाता श्री गणेश की पूजा करना बहुत जरूरी है। हर दिन भोजन का कुछ हिस्सा गाय आदि जानवरों को भी देना चाहिए, जो Santan सुख के लिए शुभ माना जाता है। तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर दिन में आवारा कुत्तों को खिलाने से भी Santan सुख में मदद मिलती है। यदि किसी कुतिया ने केवल एक ही पिल्ले को जन्म दिया है, तो उसे अपने घर में पालने से भी Santan के जीवित रहने में मदद मिलती है। इन सभी उपायों से Santan सुख की प्राप्ति हो सकती है।

ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरुवार के दिन नियमित रूप से बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। यह उपाय जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। भगवान विष्णु के लिए “ओम विष्णवे नमः” का जाप करने से विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने और श्रीहरि की पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है और Santan प्राप्ति में मदद मिलती है। धार्मिक आदर्शों का पालन करने और Bhagwan Shiv  का अभिषेक करने के साथ “ओम नमः शिवाय” का जाप करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है। शिवलिंग पर गेहूं और धतूरा चढ़ाने से Bhagwan Shiv  का प्रेम मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सफेद आंकड़े की जड़ से संतान प्राप्ति | Safed Aakde Ki Jad Se Santan Prapti

सफेद आक के पेड़ की जड़ Santan प्राप्ति में सहायक मानी जाती है। इसके प्रयोग से लोगों का मानना है कि उनकी Santan प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। इस उपाय में सफेद आक की जड़ को Bhagwan Shiv  के शिवलिंग के चारों ओर 21 बार घुमाएं और फिर लाल धागे में बांध दें। इसके बाद इसे उसकी कमर पर बांध दिया जाता है. लोगों का मानना है कि इस उपाय को नियमित रूप से करने से Santan सुख की प्राप्ति होती है।

  • सफेद आकड़े की जड़ को साफ करने के बाद उसमें गंगाजल मिलाकर स्नान करना उपाय माना जाता है।
  • इसके बाद इसे लाल कपड़े पर रखकर रोजाना पूजा करनी चाहिए।
  • गणपति की पूजा में लाल चंदन, अक्षत, पुष्प, सिन्दूर, दूर्वा, सुपारी और जनेऊ का प्रयोग करना चाहिए।
  • इसके बाद भगवान गणेश की अगरबत्ती से आरती करनी चाहिए।
  • भगवान गणेश के मंत्र ‘ओम गं गणपतये नम:’ की एक माला का जाप करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए स्फटिक या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना उचित रहता है।
  • इसके बाद पशुपति व्रत का पारण करना चाहिए।

संतान प्राप्ति के आयुर्वेदिक उपाय | Santan Prapti Ke Ayurvedic Upay

आयुर्वेद में Santan प्राप्ति के लिए विशेष उपचार मौजूद हैं। एलोपैथी की तुलना में, आयुर्वेद की सफलता दर अधिक है, जिससे लोग आसानी से बच्चे पैदा कर सकते हैं। आयुर्वेद में विभिन्न बीमारियों जैसे ट्यूबल ब्लॉकेज, पीसीओडी/पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस, कम एएमएच, पुरुष संबंधी बांझपन आदि का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय | Shiv Puraan Ke Anusaar Putr Praapti Ke Upay

भगवान शिव की पूजा में विभिन्न उपचारों का अभिषेक माना जाता है। शिवलिंग पर गेहूं और धतूरा चढ़ाना, सावन के पहले सोमवार को दूध में चंदन मिलाकर अभिषेक करना, दूध से रुद्राभिषेक करना, सहस्रनाम मंत्रों का जाप करते हुए घी की धारा से रुद्राभिषेक करना, धतूरे के फूल चढ़ाना, शिवलिंग पर शहद चढ़ाना, बुखार का इलाज। शांति के लिए ठंडे जल या गंगा जल से रुद्राभिषेक करना, जल में चीनी मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना, ये सभी प्रकार के अभिषेक हैं जो श्रद्धा और भक्ति के साथ किए जाते हैं। इन उपायों को करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है।

संतान प्राप्ति में देरी के कारण | Santan Prapti Mein Deri Ke Karan

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई कारणों से Santan प्राप्ति में देरी हो सकती है। जैसे पंचमेश का अशुभ नक्षत्र में होना, पंचम भाव का राहु प्रथम Santan के लिए अशुभ होना, लग्न पर पाप प्रभाव, स्त्री की कुंडली में शनि का लग्न, पंचम, सप्तम भाव में होना, भाग्य या लाभ, सूर्य- शनि युति, प्रथम या सप्तम भाव। स्त्री के लिए मंगल कष्ट के बाद Santan प्राप्ति का सूचक है, पंचम भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि, कुंडली में गुरु-राहु की युति तथा पंचम भाव का पाप प्रभाव में होना।

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