काल भैरव स्तोत्र लीरिक्स : जानें पाठ करने के फायदे व पूजा विधि

काल भैरव स्तोत्र:- भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान भैरव का कलियुग में विशेष महत्व है। इन्हें कलियुग की बाधाओं को शीघ्र दूर करने वाला देवता माना जाता है। प्रेत बाधा, तांत्रिक बाधा, राहु-केतु के प्रभाव, गृहस्वामी के स्वास्थ्य, संतान की दीर्घायु आदि समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भगवान भैरव की पूजा अत्यंत लाभकारी है।

Kaal Bhairav Stotra

भगवान भैरव शिव का ही एक रूप और प्रतीक हैं। शक्ति और साहस। इनकी पूजा से भूत-प्रेत और तांत्रिक बाधा दूर होती है तथा संतान की आयु बढ़ती है और गृहस्थ का स्वास्थ्य बेहतर होता है। भगवान भैरव की पूजा करने से राहु-केतु का प्रभाव भी शांत होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। इसलिए उनकी पूजा करना सर्वोपरि है और इससे जीवन में समृद्धि और शांति आती है।

काल भैरव स्तोत्र | Kaal Bhairav Stotra

कलियुग में भगवान भैरव भक्तों के लिए एक शक्तिशाली देवता माने जाते हैं। उनकी पूजा और भक्ति से कलयुगी बाधा, प्रेत बाधा, तांत्रिक बाधा, राहु-केतु के प्रभाव, गृहस्थ के स्वास्थ्य और बच्चों की लंबी उम्र जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। भगवान भैरव की कृपा से भक्तों के जीवन में समृद्धि और शांति आती है। उनका रौद्र रूप और ओजस्वी भाषा भक्तों को उनकी अद्वितीय शक्ति के प्रति आस्था और विश्वास दिलाती है। इसलिए, उनकी पूजा और ध्यान करने से भक्तों को अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण विकास और उत्थान का अनुभव होता है।

कालभैरव स्तोत्र के फायदे | Kalbhairav Stotra Ke Fayde

  • Kaal Bhairav के नाम का जाप करने से व्यक्ति को कई रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
  • भैरव का पाठ करने से बच्चों को लंबी आयु प्राप्त होती है।
  • शनिवार और मंगलवार को घर में भैरव का पाठ करने से सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
  • भैरव कवच धारण करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है।
  • काल भैरव के दर्शन से काल्पनिक दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • Kaal Bhairav की पूजा से पत्रिका के दोष दूर हो जाते हैं।
  • भैरव की पूजा से राहु-केतु का प्रभाव कम होता है।
  • भैरव की पूजा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  • भैरव तंत्र का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
  • Kaal Bhairav की पूजा करने से मनुष्य को धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • भैरव का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है और व्यक्ति में सकारात्मकता का विकास होता है।
  • Kaal Bhairav की पूजा करने से भक्त का मन स्थिर और प्रसन्न रहता है, जिससे उसके जीवन में समृद्धि और सफलता आती है।

कालभैरव पूजा विधि | Kalabhairava Puja Vidhi

  • शनिवार के दिन भगवान भैरव की सबसे अधिक पूजा की जाती है, क्योंकि यह उनका विशेष दिन माना जाता है।
  • पूजा के लिए भैरव की मूर्ति या मूर्ति स्थापित की जाती है।
  • भगवान भैरव की आरती के समय उन्हें अगरबत्ती समर्पित की जाती है और दीपक जलाया जाता है।
  • पूजा के दौरान भैरव अष्टक और भैरव कवच का पाठ किया जाता है।
  • भगवान भैरव को चंदन, फूल, फल और मिठाई अर्पित की जाती है।
  • तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है।

श्री काल भैरव स्तोत्र लीरिक्स  | Shri Kaal bhairav Stotra Lyrics

नमो भैरवदेवाय नित्ययानंदमूर्तये ।। विधिशास्त्रान्तमार्गाय वेदशास्त्रार्थदर्शिने ।।1।।

दिगंबराय कालाय नमः खट्वांगधारिणे ।। विभूतिविलसद्भालनेत्रायार्धेंदुमालने ।।2।।

कुमारप्रभवे तुभ्यं बटुकायमहात्मने ।। नमोsचिंत्यप्रभावाय त्रिशूलायुधधारिणे ।।3।। 

नमः खड्गमहाधारहृत त्रैलोक्य भीतये ।। पूरितविश्वविश्वाय विश्वपालाय ते नमः ।।4।।

भूतावासाय भूताय भूतानां पतये नम ।। अष्टमूर्ते नमस्तुभ्यं कालकालाय ते नमः ।।5।।

कं कालायातिघोराय क्षेत्रपालाय कामिने ।। कलाकाष्टादिरूपाय कालाय क्षेत्रवासिने ।।6।।

नमः क्षेत्रजिते तुभ्यं विराजे ज्ञानशालने ।। विद्यानां गुरवे तुभ्यं विधिनां पतये नमः ।।7।।

नमः प्रपंचदोर्दंड दैत्यदर्प विनाशने ।। निजभक्त जनोद्दाम हर्ष प्रवर दायिने ।।8।।

नमो जंभारिमुख्याय नामैश्वर्याष्टदायिने ।। अनंत दुःख संसार पारावारान्तदर्शिने ।।9।।

नमो जंभाय मोहाय द्वेषायोच्याटकारिणे ।। वशंकराय राजन्यमौलन्यस्त निजांध्रये ।।10।।

नमो भक्तापदां हंत्रे स्मृतिमात्रार्थ दर्शिने ।। आनंदमूर्तये तुभ्यं श्मशाननिलयाय् ते ।।11।।

वेतालभूतकूष्मांड ग्रह सेवा विलासिने ।। दिगंबराय महते पिशाचाकृतिशालने ।।12।।

नमोब्रह्मादिभर्वंद्य पदरेणुवरायुषे ।। ब्रह्मादिग्रासदक्षाय निःफलाय नमो नमः ।।13।।

नमः काशीनिवासाय नमो दण्डकवासिने ।। नमोsनंत प्रबोधाय भैरवाय नमोनमः ।।14।।

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