श्री शिव स्तुति रुद्राष्टकम स्तोत्र || Shri Shiva Rudrashtakam Stotram

शिव स्तुति रुद्राष्टकम:- पुराणों, वेदों और सनातन धर्म में भगवान शिव को सभी देवो में सबसे उच्च स्थान प्रदान किया गया है। इसीलिए इन्हें महादेव नाम से स्मरण किया जाता है। शिव तो बड़े ही सरल स्वभाव के होकर श्रद्धा से एक लोठे जल से किए गए जलाभिषेक करने से प्रसन्न होते है। इस कारण इन्हें भोलेनाथ नाम से पूजते है। यदि हम भगवान शिव की विशेष कृपा की कामना करते है तो शिव स्तुति रुद्राष्टकम ( Shiv Stuti Rudrashtakam ) का पाठ करना चाहिए। शिव रुद्राष्टकम अपने आप में चमत्कारिक स्तुति है। 

     रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने मनुष्य रूप की लीला में रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना करके श्रद्धा पूर्वक रुद्राष्टकम स्तुति की जिसके फलस्वरूप शिवजी की कृपा से रावण का अंत किया। ऐसे अद्भुत एवम चमत्कारिक शिव रुद्राष्टकम स्तुति से आपको अवगत कर आपको अपने जीवन में सुख शांति स्थापित कर सके वो रास्ता दिखाने की कोशिश कर रहे है।

Shri Shiv Rudrashtakam Stotram

शिव स्तुति रुद्राष्टकम (Shiv Stuti Rudrashtakam

हमे पूर्ण विश्वास है कि आप शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ से मन वांछित कामना पूर्ण करेंगे।

शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ का महत्व 

   भगवान शिव जिस तरह देवताओं को भय से देवताओं का कष्ट का हरण करते हुए विषपान कर लेते है उसी तरह भक्तो द्वारा श्रद्धा, विश्वास से किया गया स्मरण से भगवान शिव सभी कष्टों का निवारण करते है। इसलिए भगवान शिव के सभी मंत्र, स्तुतियों एवम पूजा – से प्रसन्न कर सकते है। भगवान शिव के सभी मंत्र, स्तुतियां एवम पूजा – पाठ बड़े ही बलशाली है। इन्ही में से शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ का महत्व से परिचय कराएंगे जिससे भगवान शिव बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते है।

       Shiv Stuti Rudrashtakam Paath ka Mahatva इसलिए भी महत्वपूर्ण माना गया है जिसमे भगवान शिव के अद्भुत रूप शक्तियों के बारे में गुणगान किया गया है। शास्त्रों, पुराणों और सनातन धर्म में वर्णन किया गया है कि भगवान शिव किसी भी स्तुति से प्रसन्न होते है। इन्ही में शिव रुद्राष्टकम स्तुति पाठ बहुत ही शक्तिशाली एवम महत्वपूर्ण माना गया है। इस पाठ का भगवान शिव पर ज्यादा असर पड़ता है। यह पाठ करने से बदनीयत करने वालो का नाश करता है। Success एवम Posetive मनोकामना पूर्ण करने के लिए यह स्तुति करना आवश्यक है।

   यह स्तुति एक प्रकार से शक्तिशाली मंत्र है, जिसका उपयोग भगवान शिव के आशीर्वाद तथा सुरक्षा के लिए किया जाता है। यह स्तुति भगवान शिव की दिव्य कृपा शक्ति को Unlock करने की Key हैं। इस स्तुति के जाप से आध्यात्मिक ऊर्जा में बढ़ोत्तरी, पूर्ण एकाग्रता एवम रचनात्मक कार्यों में सफलता जैसे लाभ प्राप्त होते है। इस स्तुति के वैसे तो महत्व गिनाना संभव नहीं है फिर भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास कर रहे है –

कठिन से कठिन बीमारी के इलाज के लिए रूद्र मंत्र का जाप सर्वोपरि माना गया है और इसके जाप से व्यक्ति को बीमारियों से मुक्ति मिल कर उसे उत्तम स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके अतिरिक्त जीवन ऊर्जा की कमी होने पर या जब आप काफी कमजोर महसूस करें, तब भी भगवान रुद्र के मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिससे आपको शक्ति प्राप्त होगी और ना केवल आप मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत हो जाएंगे।

विभिन्न ग्रहों द्वारा जनित दोषों के निवारण के लिए भी और जीवन में सुख शांति की प्राप्ति के उद्देश्य से भी रूद्र मंत्र का जाप करना फ़ायदेमंद होता है। इसके जाप करने से आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है और नकारात्मकता समाप्त होती है तथा ग्रह जनित दोषों से भी मुक्ति मिलती है। रुद्र मंत्र के जाप से मानसिक तनाव, अवसाद और उन्माद जैसी नकारात्मकतायें दूर होती हैं और शरीर तथा मन और आत्मा की शुद्धि होती है।

ज्योतिषीय उपाय के रूप में भी रूद्र मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। यदि आप पवित्र भाव के साथ शिव गायत्री मंत्र का जाप करते हैं या फिर रूद्र गायत्री मंत्र को निश्चित संख्या में जपते हैं तो आपको कालसर्प दोष, राहु, केतु, शनि ग्रहों द्वारा जनित दुःपरिणामों से भी मुक्ति मिलती है और भगवान शिव के साथ-साथ माता गायत्री का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सुख, समृद्धि, मानसिक शांति, धन, वैभव, यश, समृद्धि और पारिवारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी आपको और रूद्र मंत्र (Shree Shiv Rudrashtak Stotra Mantra) का जाप अवश्य करना चाहिए।

शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ कब करें 

   कई भक्त या सामान्य यह पूछते है कि शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ कब करे। हम आपको बताते है कि अपने प्रियजन, खास या किसी सांसारिक आवश्यकता हेतु हम लोग कभी कोई समय नहीं देखते और उसको याद कर लेते है। तो फिर उस महादेव का स्मरण करने के लिए किसी समय के इंतजार करने का औचित्य क्या है। यानि यह पाठ कुछ नियम और विधि अनुसार कभी भी कर सकते है।

    वैसे भी संकट, विषम परिस्थितियों में भगवान को याद करने के लिए कोई मुहूर्त, वार आदि देखते कब है। जो स्वयं महाकाल है उसका पाठ कभी भी कर सकते है फिर भी उचित समय से अवगत करा रहे है।

     अपने जीवन में खुशियां, शिव का आशीर्वाद हमेशा बना रहे इसके लिए प्रति सोमवार ब्रह्म वेला में मन एवम शरीर की पवित्रता के साथ शिव पूजा एवम Shiv Stuti Rudrashtakam Paath करना चाहिए।

शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ करने की विधि 

   भगवान शिव से जब जब जो जो चाहते है वो वो शिव देने में कंजूसी नही करतें है लेकिन भगवान शिव केवल यह आशा रखते है कि अपने द्वारा की गई स्तुति विधि विधान से की जावे। आप सभी यह जरूर जानने की इच्छा करेंगे कि शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ करने की विधि क्या है? हम आपको यह स्तुति पाठ करने की सरल विधि बता रहे है, जिससे आप विधि के साथ स्तुति पाठ कर शिवजी का आशीर्वाद मिलता रहे।

  • शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ सोमवार को शिव मंदिर में जाकर करे। पाठ करने से पहले तन – मन से शुद्ध और पवित्र होना आवश्यक है।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा जल, चंदन, मौली, इत्र, पुष्प, फल से करे। माता पार्वती की पूजा में कंकू और मेहंदी आवश्यक है।
  • पुराणों और सनातन धर्म के अनुसार सती माता के बिना शिव अधूरे है। इसलिए शिव शक्ति की पूजा जरूरी है।
  • पूजा से पहले शुद्ध घी का दीपक एवम अगरबत्ती प्रज्जवलित जरूर की जावे।
  • भगवान शिव शक्ति की पूजा के बाद शिव के सामने आसन पर पालथी लगाकर शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ प्रारंभ करे।
  • कार्य को जल्दी सफल करने के लिए सायं काल भी स्तुति की जा सकती है।

शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ करने के नियम

   जब अपने घर परिवार, कार्य क्षेत्र अथवा अन्य कही भी नियमानुसार नही रहेंगे तो वहा कोई भी कार्य व्यवस्थित नही होगा।  उसी तरह आप यह जानना चाहेंगे कि शिव स्तुति रुद्राष्टकम पाठ करने के नियम क्या है, तो हम आपको इस स्तुति के नियम से अवगत करा रहे है।

  • रूद्राष्टक पाठ का नियमित रूप से करना चाहिए।
  • इस स्तुति का पाठ शिव मंदिर में करना चाहिए जहां एकाग्रता एवम शांति विराजमान होती है।
  • इस स्तुति को पूर्ण पवित्रता एवम शुद्धता से करना होता है।
  • यह स्तुति अपने स्वार्थ के लिए निर्दोष का बुरी कामना से करने पर अपने लिए हानिकारक हो सकती है।
  • चाहे जल, चंदन एवम बिल्वपत्र से शिव की पूजा करे लेकिन शुद्ध मन से करने पर ही वांछित फल की प्राप्ति होती है।

    इस तरह नियम से शिव स्तुति रूद्राष्टक पाठ करेंगे तो भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहेगी।

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