महाकाल के दर्शन कैसे करे:- देवों के देव महादेव के प्रसिद्ध12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर धाम जो महाकाल के नाम से जाता है यह मंदिर विश्व के सात प्राचीन शहरों में से एक है। जो वर्तमान में Ujjain के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर मध्यप्रदेश के जिले में आता है। इसकी दूरी इंदौर से 50 किलोमीटर और भोपाल से 300 किलोमीटर है।
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महाकाल के दर्शन कैसे करे (Mahakal Ke Darshan Kaise Karen)
यदि आप महाकालेश्वर जा रहे हैं और आप जानना चाहते हैं कि महाकाल के दर्शन कैसे करें। वहां के नियम जानना बेहद आवश्यक है। क्योंकि प्रत्येक दिन हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इससे संभव नहीं होता की आप एक लाइन में खड़े होकर सब लोग दर्शन कर पाए। इसलिए यहां पर अलग-अलग प्रकार के दर्शन के नियम बताए गए हैं जिन्हें आप जानकर उनकी पूरी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना और भस्म आरती में शामिल हो सकते हैं।
बिल्कुल फ्री दर्शन
अगर आपमहाकाल ज्योतिर्लिंग काफ्री में दर्शन करना चाहते हैं तोआपको इसमें श्रद्धालुओं कोलंबी लाइन से गुजरना होता हैजिसमें लगभगदो से ढाई घंटे का समय लग जाता हैलेकिन इसमें भक्तों कोशिवलिंग के दूर से हीदर्शनकरने का प्रावधान है
250 रुपए में दर्शन
यदि आप ₹250 में दर्शन करने के लिए टिकट लेते हैं। तो आपको दूसरे गेट से अंदर ले जाया जाता है जिसमें भीड़ कम होती है। जहां पर आपका नंबर जल्दी आ जाता है।
महाकालेश्वर आरती दर्शन
प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन भगवान शिव को शमशान घाट की भस्म अर्पण करने की प्रथा है। इसके बाद ही जलाभिषेक किया जाता है। जिसे भस्म आरती कहा जाता है। इस आरती में केवल पुरुष श्रद्धालुओं को ही शामिल किया जाता है। यदि भस्म आरती को देखने के साथ-साथ शिवलिंग में जलाभिषेक करना चाहते हैं तो केवल वही लोग कर सकते हैं जो धोती-कुर्ता वस्त्र धारण किए हुए होते हैं।
भस्म आरती का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें
यदि आप महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना चाहते हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होता है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में टिकट उपलब्ध होता हैं।
- यदि आप ऑनलाइन बुकिंग करना चाहते हैं तो 10 से 12 दिन पहले ही महाकालेश्वर मंदिर की ऑफिशल वेबसाइट से निर्धारित शुल्क जमा करके आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- यदि आप ऑफलाइन बुकिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता है पर जैसे ही सुबह 7:00 बजे काउंटर खुलता है तो उससे पहले लाइन में लगकर टिकट ले सकते हैं। इसमें शामिल होने के लिए एक दिन पहले ही टिकट लेना पड़ता है।
- भस्म आरती का समय सुबह 4:00 बजे है। इस लिए लोग 2:00 बजे आकर ही बैठ जाते हैं।
1500 ₹ में दर्शन
इस दर्शन में साधक को मंदिर के गर्भ ग्रह यानि जहां शिवलिंग स्थापित होता है वहां पांच लोगों का ग्रुप बना कर ले जाया जाता है। जहां पर पूरी विधि विधान के साथ प्रसाद फूल माला चढ़ा सकते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर कैसे जाए
आप रेल मार्ग की सहायता से उज्जैन रेलवे स्टेशन पर आसानी से पहुंच सकते हैं। लेकिन यदि आपके शहर से यहां तक के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं है तो आप इंदौर या भोपाल पहुंचकर उज्जैन के लिए रेल मार्ग की सहायता से पहुंच सकते हैं।
यदि आप हवाई यात्रा के द्वारा उज्जैन आना चाहते हैं तो आपको उज्जैन के नजदीकी एयरपोर्ट अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो इंदौर में है। और महाकालेश्वर मंदिर इससे 57 किलोमीटर दूर है।
महाकाल की यात्रा पूर्ण कब मानी जाती है
ज्यादातर श्रद्धालु जानकारी के अभाव में केवल महाकाल के दर्शन के बाद ही वापस लौट आते हैं। परंतु जिस तरीके से वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद भैरवनाथ जाने की परंपरा है। उसी प्रकार महाकाल के दर्शन करने के बाद काल भैरव मंदिर में जाना अनिवार्य है। तभी आपकी उज्जैन यात्रा संपूर्ण मानी जाती है।