शिव चालीसा पढ़ने के फायदे और प्रभाव को जानकर बदले अपनी किस्मत

शिव चालीसा पढ़ने के फायदे:- वास्तव में देखा जावे तो हम इंसान बिना फायदे का कोई कार्य या तो करते नहीं या करना पसंद नहीं करते है। Business या service में तो फायदा सोचना जरूरी होता है लेकिन क्या ईश भक्ति में भी……। हम आपको भगवान शिव की शिव चालीसा पढ़ने के फायदे (Shiv Chalisa ke padhne ke fayde) बताने जा रहे है।

 Shiv Chalisa ke padhne ke fayde

शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार पर उनके असीम कृपा बनी रहती है। शिव चालीसा का रोजाना विधिवत तरीके से पाठ करना चाहिए। ऐसा करने पर सभी प्रकार के दुख दर्द से छुटकारा मिलता है। शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से भगवान शिव अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

Shiv Chalisa ke padhne ke fayde में आगे बता रहे है कि भगवान शंकर की मन से की गई भक्ति से मनचाहा वरदान पा सकते हैं। शिवजी के इसी भोले स्‍वभाव के कारण उन्‍हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। इसलिए सोमवार की शाम शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभकारी होता है। कहा जाता है कि शिवजी की अराधना करने वाली भक्तो  को मृत्यु का डर भी नहीं सताता।

शिव चालीसा पाठ का प्रभाव 

शिव भगवान सभी देवताओं में अपने भक्तो की भक्ति से बहुत जल्दी प्रसन्न होते है। भगवान का प्रिय शिव चालीसा पाठ का प्रभाव तो अकल्पनीय है। अब आपको उत्सुकता होगी की shiv chalisa paath ka prabhav क्या है तो वर्णन नीचे लिखा है।

पुराणों में बताया गया है कि शिव भक्ति  के साथ शिव चालीसा का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन से सभी बाधाओं और समस्याओं को दूर करने की शक्ति रखता है। शिव चालीसा का जाप नियमित रूप से करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। मन में अशान्ति, शादी, नौकरी, शत्रु से जुड़े दुख भोलेनाथ की आराधना  और शिव चालीसा के पाठ से खत्म खत्म किया जा सकता हैं।

शिव चालीसा पाठ करने से जल्दी प्रसन्न होते है। आपने भी कई शास्त्रों में पढ़ा, कथाओं में सुना होगा कि भगवान शिव थोड़ी से पूजा पाठ से खुश होकर वरदान दे देते है। वो भगवान शिव चालीसा पाठ से कितने जल्दी खुश होते है इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकेंगे। क्योंकि वो अति शीघ्र अच्छे परिणाम देते हैं।

शिव चालीसा कब पढ़नी चाहिए 

किसी भी कार्य को करने का उचित time होता है। असमय किया जाने वाला कार्य न तो पूर्ण एकाग्रता देता है न ही success। उसी तरह शिव चालीसा भले दिन भर पढ़ो लेकिन वो एकाग्रता एवम परिणाम नहीं मिलेगा जो समयानुसार करने पर मिलता है। अतः हम आपको शिव चालीसा कब पढ़नी चाहिए उसके बारे में बता रहे है।

शिव चालीसा न केवल भगवान शिव की स्तुति में बल्कि उनकी मदद का आह्वान करने वाला एक स्तोत्र है। यह पाठ ब्रह्म मुहूर्त में ( सुबह 4-5 बजे के बीच), स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना सबसे अच्छा होता है। आदर्श रूप से भगवान शिव की छवि या प्रतीक के सामने बैठना चाहिए। बेल पत्र और फूल एवम धूप अर्पित करने के पश्चात शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।

शिव चालीसा पाठ यदि सहृदय से, ब्रह्म मुहूर्त में एवम सही भावना से कर रहे है तो अच्छे परिणाम देते है मगर लापरवाही, जानबूझ कर गलती करने पर तीसरी आंख खोलने में भी देर नहीं लगाते है।

शिव चालीसा पढ़ने से क्या होता है 

 मनुष्य के मन में इसी परमेश्वर द्वारा शंका या तर्क नाम का बीज बोया हुआ होता है की शिव चालीसा पढ़ने से क्या होता है। जिस प्रकार हमारे माता पिता हमसे किसी चीज की इच्छा नहीं रखते है किंतु अपना फर्ज उनको खुश रखने का होता है। उन्हें खुश करने के लिए हम उनकी आज्ञा मानते, उनके साथ सुख दुख वाली बाते कर उनके अनुभव का लाभ लेते है। वैसे ही भगवान शिव से शिव चालीसा का पाठ कर उन्हें खुश कर सकते है। खुशी के बदले वो हमे आशीर्वाद प्रदान करते है।

शिव चालीसा का पाठ भगवान शिव को प्रसन्न करने का बहुत ही प्रभावशाली उपाय माना गया  है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में शिव चालीसा का विस्तार मिलता है। शिव चालीसा का पाठ पवित्र ग्रंथ देववाणी संस्कृत में लिखी गई है। देववाणी में 24 हजार श्लोक हैं। शिव चालीसा में चालीस पंक्तियां हैं, जिनमें देवों के देव महादेव शिव की स्तुतिगान है। कहते हैं इसे चालीस बार लयबद्ध पाठ करने से भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शिव चालीसा को शिव पुराण से लिया गया है और  हिन्दू गर्न्थो के अनुसार शिव पुराण के रचयिता महर्षि वेद व्यास हैं।

शिव चालीसा पढ़ने के फायदे क्या है 

  शिव चालीसा के पढ़ने से अलग अलग मनोकामना  हेतु अलग अलग छंद है। ऐसे छंद का पाठ निम्नानुसार करने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। वैसे इस चालीसा का पूरा पाठ करना आवश्यक होता है। आइए हम आपको बताते है की शिव चालीसा पढ़ने के फायदे क्या है। 

* मन में कोई भय हो तो-

जय गणेश गिरीजा सुवन’ मंगल मूल सुजान

कहते अयोध्या दास तुम’ देउ अभय वरदान

– ऐसा लगातार 40 दिन तक करने से लाभ होगा। 

* दुखों और परेशानी ने यदि घेर लिया है तो- 

देवन जबहिं जाय पुकारा’

तबहिं दुख प्रभु आप निवारा।

* किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए-  

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा’

जीत के लंक विभीषण दीन्हा।

* मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए इस पंक्ति का पाठ करें-

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर’

भई प्रसन्न दिए इच्छित वर।

* कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इसे जपें- 

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।

पाठ करे सो पावन हारी॥

* धन प्राप्ति के लिए–  

धन निर्धन को देत सदाहीं।

जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

* संतान प्राप्ति के लिए– 

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

* शत्रु नाश के लिए और अशुद्ध भावनाओं/विकारों से मुक्ति के लिए-

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यही अवसर मोहि आन उबारो॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

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शिव चालीसा पाठ के लाभ 

भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया तो लाभ गिनते गिनते थक जायेंगे but लाभ समाप्त नहीं होंगे। शिव चालीसा पाठ के लाभ असंख्य है जिसमे से कुछ आपसे share करते है।

  • शिव चालीसा के पाठ से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • शिव चालीसा के पाठ करने से जातक के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
  • शिव चालीसा के पाठ विधि और नियम के अनुसार करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है।
  • शिव चालीसा का जाप करने से मन व शरीर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव दूर होते हैं।
  • रोज शिव चालीसा का पाठ करने से से घर में खुशहाली आती है।
  • शिव चालीसा के पाठ से व्यापार व नौकरी दोनों में तरक्की मिलती है।
  • रोगों से मुक्ति के लिए भी शिव चालीसा का निरंतर पाठ करना चाहिए।
  • शिव चालीसा के पाठ करने से शत्रु बाधा का निवारण होता है।
  • संतान की प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का नियमित पाठ करना चाहिए।
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