शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय: 101% सफल परिणाम

 शादी  के कुछ समय बाद सभी दंपति की चाह होती है की उनके परिवार में एक नए मेहमान के रूप में एक संतान घर में आए। संतान में भी पुत्र की चाह सबसे ज्यादा होती है। वैसे आजकल कमाने की इच्छा के कारण शादी लगभग 30-35 वर्ष के लगभग होती है। तो फिर पुत्र प्राप्ति हेतु लालसा बन ही जाती है। कई दंपति संतान प्राप्ति की समस्या से परेशान होते देखा है। ऐसे दंपतियों के लिए शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय (shiv puraan ke anusaar putr praapti ke upaay) बता रहे है।

shiv puraan ke anusaar putr praapti ke upaay

देवों के देव भगवान शिव की आराधना एवम उपासना से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। ग्रंथों के अनुसार पितृ ऋण से मुक्त होने के लिए वंश बढ़ाना या पुत्र का होना आवश्यक है। इसमें Couple की किस्मत अथवा ग्रह दशा के विपरीत होने पर भी पुत्र प्राप्ति के योग नही बनते है। shiv puraan ke anusaar putr praapti ke upaay बता कर हम Couple की मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से वरदान मांगते है। इन उपायों को शुद्धता एवम पूर्ण विश्वास एवम विधि से करेंगे तो भगवान शिव पुत्र रत्न का आशीर्वाद अवश्य देते है।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय | Shiv Puran Ke Anusar Putra Prapti Ke Upay

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय बता कर हम Couple की मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से वरदान मांगते है। इन उपायों को शुद्धता एवम पूर्ण विश्वास एवम विधि से करेंगे तो भगवान शिव पुत्र रत्न का आशीर्वाद अवश्य देते है। दिनमें केवल एक बार ही भोजन करें। ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए दूध, दही, बेलपत्र, गंगाजल और चावल से भगवान का अभिषेक करें।  क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः का जाप करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।

जिस भी दंपति को पुत्र प्राप्ति की चाहत हैं, उनको शिव जी की आराधना जरूर करनी चाहिए। सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर , श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति हेतु 21 गुरुवार तक लड्डू गोपाल जी की मूर्ति की पूजा करें।इस दौरान माखन मिश्री एवं गुड व चने का भोग लगाएं। शुद्ध घी का दीप जलाकर इस मंत्र (ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊंका।।) का सवा लाख बार जाप करें, पुत्र प्राप्ति होगी‌।

  • शिव पुराण में वर्णित अनुसार पुत्र प्राप्ति हेतु 11 व्रत करने होंगे, जिसमें भगवान की पूजा अर्चना करना भी शामिल है। इसके अलावा भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु शिव महिमा का भी पाठ करना चाहिए।
  • श्रावण महीने में प्रति सोमवार शिवजी की पूजा करने एवम 21 कन्याओं को भोजन कराने से शिव पुराण अनुसार पुत्र की प्राप्ति होती है।
  • शिव पुराण अनुसार आम, पीपल, नीम आदि के पेड़ लगाने से सेवा भावी पुत्र की प्राप्ति होती है।
  • शिव पुराण का पाठ करने, भगवान शिवजी का अभिषेक कर धतूरे के पुष्प चढ़ाने से निः संतान दंपति को सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है।
  • शिवजी की आराधना जो दंपति करते है, उन्हे भगवान शिवजी गुणवान, संस्कारी पुत्र देते है। सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव को श्रद्धा पूर्वक आराधना करना, नारियल के बीज को शिवलिंग के पास रखकर शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करके देखो भगवान शिव आपकी झोली में बच्चा कैसे देते है
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पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र | Putra Prapti Ke Liye Shiv Mantra

भगवान शिव की लघु पूजा, आराधना आदि करने से ही प्रसन्न होकर वरदान देते है। ऐसे शिव से तो पुत्र प्राप्ति के लिए शिव मंत्र के जाप से ही मनवांछित पुत्र रत्न के बारे में आपको सरल पूजा एवम मंत्र जाप का उपाय बता रहे है। भगवान शिव निः संतान couple को पुत्र प्रदान कर घर खुशियों से भर देंगे। शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए उपाय निम्न है। शिव पुराण में ‘ओं नमः शिवाय’ और ‘ऊँ ह्रीं क्लीं नमः शिवाय’ जैसे मंत्रों का वर्णन  है। इन मंत्रों का नियमित जाप करने से आपका घर पुत्र की किलकारियों से गूंजने लगेगा।

      ॐ बाल शिवाय विदमहे कालिपुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात्

        ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।

          देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।। 

  • यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है। मंत्र को जीवापोता, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए।
  • संतान प्राप्ति के लिए शिवजी के सामने  “ॐ नम: शिवाय:” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • श्री गणेशजी की प्रतिमा पर शुद्ध होने के बाद संतान प्राप्ति महिला को बिल्व पत्र धारण कराकर एक महीने तक ‘ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’ मंत्र की 11 माला प्रतिदिन जपने से संतान प्राप्त होती है।

             ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं पुत्रं कुरु कुरु स्वाहा।

             ॐ ह्रां ह्रीं हूं पुत्रं कुरु कुरु स्वाहा।

इस मंत्र का जाप निश्चित समय पर किया जाना चाहिए। इस मंत्र जाप को आम के पेड़ के नीचे करने से जल्दी succes होते है। इस जाप को couple में से कोई भी कर सकता है। जाप स्थल पर पुत्र प्राप्ति यंत्र रखना चाहिए। इस जाप की 11 माला स्फटिक माला से करे। यह लगातार 21 दिन तक करना होता है। इन दिनों ब्रह्मचर्य की पालना करते हुए तामसिक भोजन से बचना होगा। इस तरह विधिवत जाप से संतान प्रसन्न होकर भगवान शंकर संतान प्रदान करते है।

संतान प्राप्ति मंत्र में निम्नांकित मंत्र husband को पूर्णिमा की रात्रि से wife के गर्भधारण तक प्रतिदिन 1008 मंत्र का जाप करना होगा। यह मंत्र ॐ परब्रह्म परमत्ने (महिला का नाम) गर्भे दीर्घ जीवी सुतम कुरु कुरु स्वाहा।

संतान प्राप्ति के लिए अचूक मंत्र | Santan Prapti Ke Liye Achuk Mantra

  ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः गलं क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ।

इस मंत्र का स्फटिक माला से एक लाख पच्चीस मंत्रो का जाप करना होता है। इसके बाद हवन में खीर, पंचामृत, कमल गट्टा, जीरा, वैजयंती, शतावरी की आहुति देना होगा जो मंत्र का दशवा हिस्सा होना चाहिए। यदि पूर्व में aborstion हुआ हो तो मंत्र में “देहि” के स्थान पर “रक्ष् मे तन्यम्” का जाप करना है। इस जप के साथ प्रतिदिन ” संतान गोपाल स्तोत्रम्” भी सुनना चाहिए ।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय | Shiv Puran Ke Anusar Putra Prapti Ke Upay

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति लिए उपाय में सोमवार को शिवजी को प्रसन्न कर संतान प्राप्ति कर सकते है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रति सोमवार स्नान आदि से निवृत होकर पवित्र मन से  “ॐ नम: शिवाय:” का जाप 108 बार करना चाहिए। एवम सोमवार को व्रत रखना चाहिए। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा साथ में करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। इन दोनो की पूजा यदि शुरू से कर रहे है तो संतान प्राप्ति की problem होती ही नहीं है। Shiv puran ke anusar Putra Prapti ke liye upay एक ही है की भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा, आराधना करे।

शिव पुराण में पुत्रकामेष्टि यज्ञ विशेष रूप से एक पुत्र होने के लिए देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है। यह यज्ञ भगवान राम के पिता राजा दशरथ द्वारा किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप चार पुत्रों का जन्म हुआ। यह पुत्रकामेष्टि यज्ञ एक कठिन यज्ञ है इसको पूरी विधि विधान के साथ करने के लिए किसी विद्वान पुरोहित का होना जरुरी है तभी यह यज्ञ पूर्ण किया जा सकता है।

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