सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र: इन मंत्रो से करे पूजा, पूरी होंगी हर इच्छा

सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र:- भगवान शिव का नाम ही अपने आप में सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र है। शिव आदि है, अनंत है, शिव अनजाने में चढ़ाए गए बिल्व पत्र से खुश हो जाते है तो फिर उनका किसी भी मंत्र का जाप करेंगे तो वो खुश होकर अपने पर सानिध्य बनाए रखेंगे। फिर भी आपको सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र बताने जा रहे है उनका पवित्रता के साथ पूर्ण नियम विधि एवम मन से जप करने पर शिव कृपा करते हुए मनोकामना पूर्ण करेंगे।

      वेदों और पुराणों में यदि दृष्टि डाले तो “ॐ नमः शिवाय” मंत्र सर्व शक्तिशाली होकर भगवान शिव को प्रसन्न करता है। जब भगवान अपने भक्त पर प्रसन्न होते है तो उस भक्त के बारे न्यारे हो जाते है। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के अलावा Sarva Shaktishali Shiv Mantra प्रस्तुत है जिनके जप आपको अप्रतिम आनंद, सफलता और मनोकामना पूर्ण करने वाले होते है।

Sarva Shaktishali Shiv Mantra
Sarva Shaktishali Shiv Mantra

सर्व शक्तिशाली शिव मंत्र

   ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्रो में यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली है। अकाल मृत्यु, संकटों को टालने हेतु यह मंत्र प्रभाव शाली है। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ शिव का यह मंत्र भी बहुत ही शक्तिशाली कहा है। इस शक्तिशाली मंत्र के अखंड जाप से मृत्यु भी दूर हो जाती है। पुराणों के अनुसार इस मंत्र की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

यह मंत्र भगवान  महादेव की कृपा सदैव बनी रहे इसलिए किया जाता है।

  श्री शिवाय नमस्तुभ्यं।

सर्व शक्तिशाली मंत्रो में यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र के समान प्रभावशाली है।

 ॐ शूलपानाय नम: ।

यह सर्व शक्तिशाली मंत्र दुष्टों और अधर्मियों से रक्षा करने हेतु शूलधारी शिव स्वरूप को अर्पित किया जाता है।

ॐ ईशानाय नम: ।

यह सर्व शक्तिशाली मंत्र जगत के प्रभु एवम सर्वोच्च शक्तिमान ईशान स्वरूप शिव को समर्पित होता है।

शिव मंत्र का महत्व

  भगवान शिव उदार और परोपकारी ईश्वर है। शिव मंत्र का जाप करने वाले भक्तो पर सदैव शिव का वरद हस्त रहता है। हम शिव मंत्रो का महत्व से अवगत करा रहे है। शिव मंत्रो का सदैव जाप करने से भगवान शिव साधक पर प्रसन्न रहते है, जिससे साधक की मनोकामना पूर्ण होती है।

   शिव मंत्र भक्तो एवम उनके आसपास Negative Energy को समाप्त कर Posetive Energy की बरसात करते है। शरीर के अंदर और जीवन में सब कुछ शांति तथा मौन कर देते है। स्कंदपुराण में किए गए वर्णन अनुसार जिन भक्तो के चित्त में शिव मंत्रो का सदैव स्मरण करने से वास होता है, उन भक्तो को तीर्थ, तप एवम यज्ञ की भी आवश्यकता नहीं होती है।

  शिव मंत्र मोक्ष देने वाले, पापो को नष्ट करने वाले, इस लोक एवम परलोक में सुख प्रदान करने वाले होते है। वेदों और पुराणों के अनुसार शिव मंत्र के जप से शिवजी की असीम अनुकम्पा बनी रहती है जिससे भक्तो के जीवन में सभी दुःख, कष्ट दूर होकर सुख शांति का प्रसार होता है।

मंत्र जाप करने के नियम 

अपने घर परिवार, Office, या अन्य कोई भी जगह हो वहा का Decoram रखने के लिए नियम का पालन करना अनिवार्य होता है, फिर ये तो ईश्वर की आराधना है और वो भी भगवान शिव की आराधना तो फिर नियम का पालन आवश्यक होता ही है। इसी व्यवस्था के मध्यनजर हम आपको मंत्र जाप करने के नियम बताना जरूरी समझते है। जिससे आप मंत्र जाप करते समय सावधानी रख सके एवम भगवान शिव को अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु प्रसन्न कर सके।

   भगवान शिव की पूजा के बाद मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र जाप करते समय मन एवम मस्तिष्क को शांत और एकाग्र रखना आवश्यक है। पैर फैलाकर, क्रोध में, और नींद की झपकी लेकर किया गया मंत्र जाप अपने उद्देश्य में असफल करता है। जिस माला से मंत्र जाप कार्य कर रहे है उस माला एवम स्वयं को भी गंगाजल से शुद्ध करना आवश्यक है। जिस स्थान पर बैठकर पूजा, मंत्र या आर्धना की जानी है उस स्थान का सफाई एवम पवित्र होना बहुत आवश्यक है। माला – मंत्र स्वच्छ आसान पर बैठकर किया जाता है। माला रुद्राक्ष से कार्य पूर्ण जल्दी होता है।

    शास्त्रानुसार मंत्र जाप कार्य शिव मंदिर, तीर्थ, घर या एकांत पवित्र स्थान पर करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है। जप सदैव पूर्व अथवा उत्तर दिशा में मुंह रखकर किया जाना आवश्यक है।

शिव को प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली शिवमंत्र

   रावण जैसे प्रकांड पंडित के द्वारा किए जाने वाले मंत्रो से भगवान शिव प्रसन्न भी जल्दी होकर वरदान देते तो उसी रावण का अहंकार नष्ट करने के लिए रुद्र अवतार में भगवान विष्णु के राम अवतार में शिव पूजा मंत्र करने से रावण हनन में सहायता भी करते है।

    भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होने वाले ईश्वर है। जो भी भक्त शिव को प्रसन्न करने हेतु या मनोकामना पूर्ति से मंत्रो का जाप पवित्रता से करता है तो भोले नाथ उनकी जल्दी सुनता है। अब आप उन मंत्रो के लिए सोच रहे होंगे तो हम शिव को प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली शिव मंत्र के बारे में विवेचना कर रहे है।

ॐ नमः शिवाय

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। …

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रःप्रचोदयात्॥

ॐ पषुप्ताय नमः

ॐ पार्वतीपतये नमः। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय। 

 भोलेनाथ शिव का बीज मंत्र  ‘ह्रौं’ है।

ॐ शिवाय नम: 

ॐ सर्वात्मने नम: 

ॐ त्रिनेत्राय नम: 

ॐ हराय नम:

ॐ इन्द्रमुखाय नम: 

ॐ श्रीकंठाय नम:

ॐ वामदेवाय नम:

ॐ तत्पुरुषाय नम:

ॐ ईशानाय नम:

ॐ अनंतधर्माय नम: 

ॐ ज्ञानभूताय नम: 

ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम: 

ॐ प्रधानाय नम: 

ॐ व्योमात्मने नम:

 ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:

    भगवान शिव के ये शक्तिशाली मंत्र सभी साधक की मनोकामना पूर्ति करते हुए शिव का सानिध्य प्राप्त होता है।

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