Shiv Mantra List: शिव मंत्र लिस्ट

शिव मंत्र लिस्ट:- भगवान शिव जल, अर्क पुष्प ( आक के फूल ) एवम बिल्व पत्र से संतुष्ट होकर प्रसन्न होते है। फिर भी मंत्र एक ऐसा power होता है जो विशेष उद्देश्य के लिए अलग अलग मंत्रो का प्रयोग होता है। हम आपको शिव मंत्र लिस्ट (Shiv Mantra List) के बारे में बता रहे है। शिव मंत्रो से भक्तो के सारे कष्ट दूर होते है। यह मंत्र सोमवार को किए जावे तो ज्यादा powerfull हो जाते है। वैसे इन मंत्रो को हमेशा जप करने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।

ॐ नमः शिवाय

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रःप्रचोदयात्॥

ॐ पषुप्ताय नमः

Shiv Mantra List

आरोग्य की प्राप्ति के लिए शिव मंत्र लिस्ट

ॐ नमः शिवाय

यह मंत्र जीतना सरल है उतना प्रभावशाली भी माना गया है। यदि कोई साधक रोजाना इस मंत्र का जाप करता है तो उसे आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। वेदों और पुराणों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ “ॐ नमः शिवाय” का जप ही काफी है। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति का शरीर और दिमाग शांत रहता है। इस मंत्र के जाप से महादेव अति प्रसन्न होते हैं।

अकाल मृत्यु का भय होगा दूर

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

 उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

यह शिव जी का महामृत्युंजय मंत्र है। माना जाता है कि रोजाना इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु का भय टाला जा सकता है। साथ ही व्यक्ति की आयु भी लंबी होती है और हर प्रकार के भय से भी मुक्ति मिलती है।

इच्छा पूरी करने हेतु 

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

यह शिव जी का रूद्र मंत्र है। माना जाता है कि प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

आर्थिक स्थिति सुधार हेतु

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

यह शिव जी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है। यदि कोई साधक रोजाना शिव जी का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करता है तो उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।

भय होगा दूर

ॐ पषुप्ताय नमः

यह भी शिव जी का एक प्रभावशाली मंत्र है। पूजा के दौरान रोजाना इस शिव मंत्र का जाप करने से साधक को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। भगवान शिव की पूजा करते समय ॐ पार्वतीपतये नमः। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय। का मंत्र फलदायक होता है। भोलेनाथ शिव का बीज मंत्र  ‘ह्रौं’ है।

शिव के चमत्कारिक मंत्र 

भगवान शिव की महिमा अपार है। केवल ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप ही भोलेनाथ को प्रसन्न कर देता है। हमे भगवान शिव के चमत्कारिक मंत्र बताते हुए खुशी है जिससे सुख, शांति, धन – धान्य, सफलता, प्रगति, विवाह, संतान, Service, बीमारी आदि के लिए दैनिक या सोमवार को जाप करने से मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान भोलेनाथ शिव के 15 मंत्र पेश है जिनसे प्रगति, अनुकूलता एवम शुभ की धारा अपने जीवन में बहने लगती है।

उपरोक्त मंत्रो के साथ जाप करने से शुभ फलदायक एवम कर्ज से मुक्ति मिलती है। 

शिव मंत्रो का महत्व

    स्कंध पुराण और अन्य शास्त्रों के अनुसार शिव मंत्र भक्तो को लौकिक, पारलौकिक सुख दाता है। पापो का नष्ट कर मोक्ष प्रदान करते है। शिव यानी सृष्टि के सृजक को प्रसन्न करने के लिए मंत्रो का जाप काफी महत्व रखते है। इन मंत्रो के जाप तीर्थ, यज्ञ करने के समान है। इसी क्रम में हम आपको शिव मंत्रो का महत्व के बारे में अवगत कराने का प्रयास कर रहे है।

   मंत्रो से भोले बाबा की कृपा बनी रहती है। शिव के पंचाक्षर मंत्र जाप से सृष्टि के पांचों तत्वों को Controal किया जा सकता है, क्योंकि पंच ध्वनियां पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती है। मंत्रो के उच्चारण से स्वयं के साथ साथ आसपास की Negative Energy समाप्त होकर Posetive Energy का संचार होता है। आंतरिक मन भी शांत और मौन रहता है। ग्रंथों में बताया गया है कि वर्ष भर किए गए व्रत –  उपवास से कई गुना पुण्य शिव की आराधना और मंत्र जप करने से प्राप्त होता है। 

मंत्र जाप करने के नियम 

   भगवान शिव का स्मरण करने का कोई समय निश्चित नहीं होता है, क्योंकि मनुष्य पर संकट या विकट परिस्थिति समय देख कर नही आती है। ऐसे विकट समय में भगवान का स्मरण ही संकट से उबारता है। स्मरण करने के लिए स्थान, समय आदि का कोई बंधन नहीं होता है। भगवान शिव की आराधना – पूजा या मंत्र को स्थान, समय एवम अन्य नियमो की पालना करनी आवश्यक होती है। इसीलिए हम आपको मंत्र जाप करने के नियम बताना चाहेंगे जिससे आप द्वारा किए जाने वाले मंत्र, पूजा, अनुष्ठान आदि सफल सिद्ध हो सके।

    शिव जी मंत्र किसी भी समय किया जा सकता है। हा यदि प्रातकाल करेंगे तो ज्यादा उचित रहता है। मंत्र जप पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह रख कर किया जाना चाहिए। यदि आप जलाशय, नदी के किनारे स्थापित शिवलिंग की पूजा आराधना के बाद मंत्र जाप करेंगे तो ज्यादा फलदायक होगा। मंत्र जप में पवित्रता और हो सके तो मन की पवित्रता के साथ करने पर आश्चर्जनक posetive परिणाम प्राप्त होंगे।

शिव मंत्रो को रुद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। ॐ शिवाय नम:  का आशय भी यही है कि घृणा, तृष्णा, लोभ, ईर्ष्या, काम, क्रोध, मोह, माया, और मद को त्याग कर प्रेम और आनंद से परिपूर्ण होकर भगवान शिव के मंत्र जाप कर उनका सानिध्य प्राप्त करे। 

मंत्र जाप करने की विधि

आपको मंत्र जाप करने की विधि जानना आवश्यक है जिससे आप जो मंत्र जाप कर रहे है उसका पूरा Posetive Result प्राप्त हो। शिव भोले जरूर है लेकिन गलती करने पर रुद्र स्वरूप में आने में विलम्ब नही करते है। इसलिए Mantra Jaap Karane Ki Vidhi अनुसार साधना करें।

दाहिने हाथ की अनामिका यानी Middle Finger के बीच के पोरुओ से शुरू करके कनिष्ठा यानी Little Finger के पोरूओ से होते हुए तर्जनी यानी Index Finger तक दस पोरूओ को गिन कर मंत्र जप करे। अनामिका यानी Middle Finger ke bich ke शेष 2 पोरूओ को माला का सुमेरु मानकर पर न करे।  मंत्र जाप सही विधि से नही करने पर मंत्रो का प्रभाव कम होकर  Negative Result प्राप्त होते है।  

मंत्र जाप की विधि –

  • सबसे पहले आपको जमीन पर शुद्ध ऊनी आसन बिछाना होगा।
  • फिर पद्मासन या सुखासन कर बैठें। कमर को न झुकाएं और चेहरे को सीधा रखें।
  • माला को इस्तेमाल करने से पहले उसे शुद्ध जल से धोएं और तिलक जरूर लगाएं।
  • जाप करने के लिए एक निश्चित संख्या होनी आवश्यक है।
  • माला का जाप करते समय आपको अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए।
  • माल को दाएं हाथ में रखना होगा। उंगलियों को अंगूठे के पोर से फेरना शुरू करें।
  • माला पर नाखून से स्पर्श न करें।
  • प्लास्टिक की माला का इस्तेमाल न करें।
  • जब आप माला फेरे और मंत्रों का जाप करें तो इधर- उधर न देखें।
  • माला को पकड़ते समय उसे नाभि से नीचे न रखें और माला नाक के ऊपर नहीं जानी चाहिए।
  • माला को सीने से 4 अंगुल दूर रखें।
  • जब आप जाप कर रहे हों तो आंखें भगवान के सामने रखें। आप आंखें मूंद भी सकते हैं।
  • जाप करते समय माला के ऊपर जो भाग होता है उसे क्रॉस नहीं किया जाना चाहिए। जैसे ही आप सुमेरु तक पहुंचे तो तुरंत वापस आ जाएं।
  • ध्यान रहे कि जाप करते समय माला नीचे न गिरे। जाप खत्म होने के बाद माला को आसन पर या डिब्बी में रखें।
  • बिना संकल्प किए शिव मंत्र का जाप करने से किसी को कोई फल नहीं मिलता है।

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