महादेव के आदि रूप में आगमन: शिव जयंती कब है और क्यों मनाएं ?

शिव जयंती कब है:- आप भी सोचते होंगे या विचार आता होगा कि एक ऐसे देव जो अजन्मा है, भूत प्रेतो का नायक है, गले में सांपो की माला है उनकी किस बात की जयंती मनाई जाती है।  आइए हम आपको शिव जयंती यानी शिव रात्रि का वृतांत बताते है। Shiv Jayanti वर्ष में 12 बार हर हिंदी महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आती है। लेकिन मुख्य शिव जयंती फाल्गुन माह की त्रयोदशी का अपना अलग महत्व होकर विशेष पूजा, अर्चना, अभिषेक, पाठ, उपवास आदि करके बड़ी श्रद्धा से मनाई जाती है।

सदगुरु द्वारा बताया गया है की परमतत्व की चाहत करने वाले सभी भक्तो के लिए शिव जयंती महत्वपूर्ण है एवम यह चैतन्य – जागृति अपने अंदर लाती हैं। यह कल्याणकारी होती है। शिव जयंती के दिन ही भगवान भोलेनाथ एवम माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दृष्टि से शिवजी की aniversary होती है। शिवालयों में आज के दिन सुखी दांपत्य जीवन की कामना एवम दांपत्य जीवन बनाने की कामना हेतु विशेष दिवस होता है। Shiv Jayanti पर किए गए पूजा पाठ उपवास से शीघ्र प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करते है।

Shiv Jayanti
Shiv Jayanti

शिव जयंती कब है

शिव जयंती प्रति वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है। इस वर्ष शिवरात्रि यानी शिव जयंती फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दिनांक 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। अतः आपसे आग्रह है की आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपनी श्रद्धा अनुसार विधि का उपयोग करे। हर हर महादेव ।

शिव जयंती क्यों मनाई जाती है 

शिव जयंती क्यों मनाई जाती है यह प्रश्न हर शिव भक्त एवम सनातनी के मन में आता होगा।  तो हम आपके मन की शंका दूर करके बताते है की केवल भगवान शिव एवम माता पार्वती के आयोजित विवाह उत्सव के उपलक्ष में ही नही मनाई जाती है बल्कि सांस्कारिक महत्वाकांक्षी भक्त इसे अपने शत्रु पर विजय दिवस के रूप में मनाते है तो इस दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत पर कैलाश की तरह अडिग तथा निश्चल होने से भी है। 

      योगिक परंपरा में शिव को आदि गुरु माना गया है। भगवान शिव को शिव जयंती यानी शिवरात्रि को ज्ञान प्राप्त हुआ जिससे उनके भीतर की सारी गतिविधियां शांत एवम स्थिर हो गई थी। आध्यात्मिक साधना के लिए बड़ा महत्वपूर्ण दिन है। इसीलिए इन्हें योगी भी कहा गया है।

शिव जयंती पर किस मंत्र का जाप करे

 भगवान शिव सृष्टि के रखवाले और विष पान करने वाले अपने भक्तो की हर मनोकामना पूरी करने वाले है। शिवजी को बिल्व पत्र, जलाभिषेक तथा मंत्र जाप से प्रसन्न किया जाता है। आप यह जरूर जानने को उत्सुक होंगे की शिवरात्रि यानी शिव जयंती पर किस मंत्र का जाप करे जिससे शिव जी जल्दी प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करे। तो हम आपको मंत्रो के बारे में बताते है।

ॐ नमः शिवाय पंचाक्षर मंत्र भगवान शिव का महा मंत्र है जिसका 108 बार जाप करने से शरीर और दिमाग नियंत्रित होकर शांत रहता है। ॐ नमो नीलकण्ठाय । ॐ पार्वतीपतये नमः । ॐ पशुपतये नम:। इस मंत्र को महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष की माला के साथ जपना चाहिए।  

नीचे अंकित शिव गायत्री मंत्र है, जो सर्वशक्तिशाली  है। इस मंत्र से व्यक्ति को सुख और शांति की प्राप्ति होती है।  

ना मैं शायर हूँ, ना ही मेरा शायरी से कोई वास्ता है…

बस शौक बन गया है महादेव तेरी यादो को बयान करना…

शिव की बनी रहे आप पर छाया,

पलट दे जो आपकी किस्मत की काया;

मिले आपको वो सब अपनी ज़िन्दगी में,

जो कभी किसी ने भी न पाया!

विष पीने का आदि मेरा भोला है,

नागों की माला और बाघों का चोला है…

भूतों की बस्ती का पीछे टोला है,

मस्ती में डुबा डुबा वो मेरा भोला है…

हर हर महादेव…जय महाकाल.. .

कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई

मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई।

शिव की महिमा अपरंपार
शिव करते सबका उद्धार
उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे
और आपके जीवन में आयें खुशियाँ हज़ार।

शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास…
शिव है मेरे आराध्य,
और मैं शिव का दास…
हर हर महादेव

मेरे महाकाल कहते हैं कि मत सोच तेरा सपना पूरा होगा या नहीं होगा
क्योंकि जिसके कर्म अच्छे होते हैं उनकी तो मैं भी मदद करता हूँ

निराश नहीं करते बस एक बार सच्चे मन से भोले शंकर से फ़रियाद करो !!

जय भोले जय भंडारी तेरी है महिमा न्यारी !!

तन की जाने, मन की जाने,

जाने चित की चोरी उस महाकाल से क्या छिपावे

जिसके हाथ है सब की डोरी

जय श्री महाकाल।

ॐ नम: शिवाय, ॐ नम: शिवाय रटता जा ।।

जय भोले जय भोले रटता जा, शिव शंकर शिव शंकर रटता जा ।।

महाकाल का नाम रटता जा ।।

शिव सत्य है, शिव अनंत है,

शिव अनादि है, शिव भगवंत है,

शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,

शिव शक्ति है, शिव भक्ति है,

आओ भगवान शिव का नमन करें,

उनका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे

शिव की शक्ति से;

शिव की भक्ति से

खुशियों की बहार मिले

महादेव की कृपा से

आप सब दोस्तों को जिंदगी में प्यार मिले

जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं,

ज़माना उन्हें क्या जलाएगा जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं।

ॐ नमः शिवाय।।

सबसे बड़ा तेरा दरबार है, तू ही सब का पालनहार है

सजा दे या माफी महादेव, तू ही हमारी सरकार है।

हर हर महादेव जख्म भी भर जायेगे,

चेहरे भी बदल जायेगे, तू करना याद महादेव को

तुझे दिल और दिमाग मे सिर्फ और सिर्फ

मेरे महादेव नजर आयेगे…

हर हर महादेव

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