इन 18 शिव शंकर मंत्रो का विधि विधान से जप करने पर होंगे सभी कष्ट दूर

शिव शंकर मंत्र:- भगवान शिव शंकर महादेव ऐसे अनगिनत नाम से पहचाने जाने वाले आदि अनादि का हर नाम अपने आप में एक मंत्र है। भगवान शिव की पूजा, मंत्र जाप करने वाला एवम सुनने वाला हमेशा समृद्धि, धन संपत्ति और स्वास्थ्य से खुशहाल रहता है। चित्त मन शांत रहते है। Shiv Shankar का जयकारा हर हर महादेव बोलने और सुनने से ही दुःख और शोक से मुक्त करता है। अनेक पापो को धोने वाला है। इसी प्रकार ॐ नमः शिवाय मंत्र जैसे कई सीधे, सरल और कही भी जाप करने वाले मंत्र सर्व हिताय, सर्व सुखाय है।

Shiv Shankar Mantra

जाप करने के लिए शिव शंकर के मंत्र तो हर कामना के लिए अलग अलग मंत्र है। लेकिन हम आपको शिव शंकर मंत्र (Shiv Shankar Mantra) के बारे में बता रहे है जो की नियमित रूप से जाप करने से विशेष कामना के लिए अन्य मंत्र जाप की जरूरत ही नही हो। आपको कुछ मंत्र के बारे में बता रहे है जिनको प्रातः, सायं या दोपहर में तन मन से शुद्ध होकर शिव पूजा कर आसन पर पलथी लगाकर नियमित रूप से किया जावे तो शिव शंकर की कृपा और सामिप्य से कोई दूर नहीं कर सकता है।

शिव शंकर मंत्र | Shiv Shankar Mantra

ॐ  शिवाय नम: 

ॐ सर्वात्मने नम:

ॐ त्रिनेत्राय नम:

ॐ हराय नम:

ॐ इन्द्रमुखाय नम:

ॐ श्रीकंठाय नम:

ॐ वामदेवाय नम:

ॐ तत्पुरुषाय नम:

ॐ ईशानाय नम:

ॐ अनंतधर्माय नम:

ॐ ज्ञानभूताय नम:

ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:

ॐ प्रधानाय नम:

ॐ व्योमात्मने नम:

ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।

ॐ नमः शिवाय

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम

शिव शंकर मंत्र के फायदे | Shiv Shankar Mantra Ke Fayde

  • भगवान शिव शंकर का नाम ही फायदे का दूसरा नाम है। भगवान शिव भले पर्वत पर रहते है, पहनने के नाम पर मृगछाला हो, भंग धतूरा सेवन करने वाले, गहनों के नाम पर सांपो की माला हो, पीने के नाम जहर हो लेकिन भक्तो को सबकुछ देने में कभी हिचकते नही है।
  • इसलिए भगवान शिव शंकर का नाम या मंत्र स्मरण ही भगवान के समीप ले जाते है।
  • हम आपको शिव शंकर मंत्र के फायदे के बारे में बता रहे है जिसका जाप कर अपने जीवन को खुशहाल बनावे।
  • ॐ नमः शिवाय मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। क्योंकि भगवान शिव जब अग्रि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए तब उनके पांच मुख थे। जो पांचों तत्व पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि तथा वायु के रूप थे। सर्वप्रथम जिस शब्द की उत्पत्ति हुई वह शब्द था ॐ बाकी पांच शब्द नम: शिवाय की उत्पत्ति उनके पांचों मुखों से हुई जिन्हें सृष्टि का सबसे पहला मंत्र माना जाता है यही महामंत्र है। इसी से अ इ उ ऋ लृ इन पांच मूलभूत स्वर तथा व्यंजन जो पांच वर्णों से पांच वर्ग वाले हैं वे प्रकट हुए। त्रिपदा गायत्री का प्राकट्य भी इसी शिरोमंत्र से हुआ, इसी गायत्री से वेद और वेदों से करोड़ो मंत्रों का प्राकट्य हुआ। 
  • इसलिए इस मंत्र का जाप भक्तो पर भगवान शिव शंकर कृपा बनाए रखते हुए सुख, ऐश्वर्या, शांति, भक्ति प्रदान करते है एवम रोग, शोक, अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर करते है।
  • इन मंत्रो के जाप से सभी मनोरथों की सिद्धि होती है। भोग और मोक्ष दोनों को देने वाले यह मंत्र जपने वाले के समस्त व्याधियों को भी शांत कर देता है। बाधाएं इन मंत्र का जाप करने वाले के पास भी नहीं आती तथा यमराज ने अपने दूतों को यह आदेश दिया हैं कि इन मंत्र के जाप करने वाले के पास कभी मत जाना। उसको मृत्यु नहीं मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मंत्र शिववाक्य है यही शिवज्ञान है। 
  • इन मंत्रो के जाप से शरीर में नई चेतना और ऊर्जा का विकास होता है और मन मस्तिष्क पर Posetive प्रभाव पड़ता है। इन मंत्रो का उच्चारण करने से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं। इन मंत्र जप से काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद आदि सब खत्म हो जाता है। ॐ नमः शिवाय का मंत्र जप से व्यक्ति में साहस और उत्साह पैदा होता है।

शिव शंकर मंत्र जाप करने की विधि | Shiv Shankar Mantra Jaap Karne Ki Vidhi

  • भगवान शिव शंकर के जप करने के लिए श्रद्धा, तन मन से पवित्र होना परम आवश्यक है। यह भाव भक्त के मन में उत्पन्न हुआ है इसका आशय यही है कि भक्त को अब शिव शंकर मंत्र जाप करने की विधि की जानकारी होना आवश्यक है क्योंकि भगवान शिव ने अब भक्त को जाप करने की Parmission दे दी है। हम आपको Shiv Shankar Mantra Jaap Karane Ki Vidhi बता रहे है।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। मंत्र जप करते समय आपकी माला किसी को न दिखाई दे, इसके लिए उसे गोमुखी में रखकर इस पावन मंत्र का जप करें।
  • मंत्रों का जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। जप के पूर्व शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए। उनके ऊपर जलधारा अर्पित करना चाहिए।
  • भगवान शिव के मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान है। मंत्र का जाप या तो मन ही मन करना चाहिए, चुपचाप या ज़ोर से। हालाँकि कोई भी व्यक्ति जितनी बार चाहे मंत्र का जाप कर सकता है, सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।

ये भी पढे :-

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है

महाशिवरात्रि व्रत नियम

Leave a Comment