श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा और फायदे क्या है अर्थ सहित

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा:- भगवान शिव के सभी मंत्र भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। किसी भी मंत्र को छोटा या बड़ा कहना किसी भी भक्त को शोभा नहीं देता। भक्त कोई सा मंत्र श्रद्धा, विश्वास एवम लगन के साथ विधि नियम से किया जाता है तो वह सिद्ध मंत्र बन जाता है। मंत्रो की इन श्रृंखला में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं  मंत्र की महिमा (Shree Shivaay namastubhyan mantra ki Mahima) के बारे में अवगत कराएंगे। इस मंत्र की महिमा के पीछे आप यह कभी नहीं सोचे, समझे कि दूसरे मंत्र का प्रभाव या महिमा कम है।

Shree Shivaay namastubhyan mantra ki Mahima
Shree Shivaay namastubhyan mantra ki Mahima

         श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र अत्यंत ही गुणकारी है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ यह होता है की “ है शिव आपको मैं नमस्कार करता हूं, नमन करता हूं।” भगवान शिव को नमन करने हेतु यह बीज मंत्र है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव पुराण में वर्णित है। शिव पुराण भगवान शिव को अर्पित है। अतः इस मंत्र को शिव पुराण मंत्र का नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण में शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। जो भी शिव भक्त है उनके लिए शिव पुराण बेहद प्रभावशाली एवम महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

         श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते है। और भक्तो की मन वांछित मनोकामना पूर्ण करते है। पुराणों एवम सनातन संस्कृति अनुसार भगवान शिव बड़े और भोले स्वभाव के है। जो अपने भक्तो की सच्ची एवम श्रद्धा से किए गए मंत्र से की गई विनंती जल्दी सुनते है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप सही ढंग से नहीं करने पर मंत्र सिद्ध नही होता है जिससे परिणाम Posetive नही आता है। इस मंत्र जाप करने की विधि से आपको परिचित कराते है जिससे किया गया मंत्र जाप Posetive Reasult प्राप्त कर सके।

  स्नान करने के बाद इस Powerful मंत्र को करने के लिए साफ सुथरे आसन पर बैठ कर जाप करना चाहिए। आसन कपड़े, चटाई ऊन, कुशा या दाब निर्मित होना चाहिए। इस मंत्र का जाप या उच्चारण प्रातः काल को करना Best होता है। वैसे आप इस मंत्र का जाप उच्चारण कभी भी करेंगे तो भी भोले बाबा उसका फल पूरा प्रदान करते है।

         श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के समय शिवलिंग, प्रतिमा या तस्वीर को सामने रखने से भगवान की छवि अपनी आंखो में विराजमान रहती है। छवि आंखो में रहने से भक्तो के मन में ईर्ष्या, क्रोध एवम द्वेष प्रवेश नहीं करते है। क्योंकि शिव का स्मरण करते समय मन में ईर्ष्या, क्रोध एवम द्वेष रखकर इस मंत्र का जाप करने से भोले बाबा प्रसन्न होने की जगह Angry हो जाते है।

       इस मंत्र का जाप या उच्चारण सही हो इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप एक बार में 108 जप करना होता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के 108 जप मृत्युंजय महामंत्र के 108000 जप के बराबर फल मिलता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा

भगवान शिव के सभी मंत्र भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। किसी भी मंत्र को छोटा या बड़ा कहना किसी भी भक्त को शोभा नहीं देता। भक्त कोई सा मंत्र श्रद्धा, विश्वास एवम लगन के साथ विधि नियम से किया जाता है तो वह सिद्ध मंत्र बन जाता है। मंत्रो की इन श्रृंखला में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं  मंत्र की महिमा के बारे में अवगत कराएंगे। इस मंत्र की महिमा के पीछे आप यह कभी नहीं सोचे, समझे कि दूसरे मंत्र का प्रभाव या महिमा कम है।

         श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र अत्यंत ही गुणकारी है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ यह होता है की “ है शिव आपको मैं नमस्कार करता हूं, नमन करता हूं।” भगवान शिव को नमन करने हेतु यह बीज मंत्र है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव पुराण में वर्णित है। शिव पुराण भगवान शिव को अर्पित है। अतः इस मंत्र को शिव पुराण मंत्र का नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण में शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। जो भी शिव भक्त है उनके लिए शिव पुराण बेहद प्रभावशाली एवम महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

 श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते है। और भक्तो की मन वांछित मनोकामना पूर्ण करते है। पुराणों एवम सनातन संस्कृति अनुसार भगवान शिव बड़े और भोले स्वभाव के है। जो अपने भक्तो की सच्ची एवम श्रद्धा से किए गए मंत्र से की गई विनंती जल्दी सुनते है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप सही ढंग से नहीं करने पर मंत्र सिद्ध नही होता है जिससे परिणाम Posetive नही आता है। इस मंत्र जाप करने की विधि से आपको परिचित कराते है जिससे किया गया मंत्र जाप Posetive Reasult प्राप्त कर सके।

  स्नान करने के बाद इस Powerful मंत्र को करने के लिए साफ सुथरे आसन पर बैठ कर जाप करना चाहिए। आसन कपड़े, चटाई ऊन, कुशा या दाब निर्मित होना चाहिए। इस मंत्र का जाप या उच्चारण प्रातः काल को करना Best होता है। वैसे आप इस मंत्र का जाप उच्चारण कभी भी करेंगे तो भी भोले बाबा उसका फल पूरा प्रदान करते है।

Shivaay namastubhyan mantra ki Mahima
Shivaay namastubhyan mantra ki Mahima

         श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के समय शिवलिंग, प्रतिमा या तस्वीर को सामने रखने से भगवान की छवि अपनी आंखो में विराजमान रहती है। छवि आंखो में रहने से भक्तो के मन में ईर्ष्या, क्रोध एवम द्वेष प्रवेश नहीं करते है। क्योंकि शिव का स्मरण करते समय मन में ईर्ष्या, क्रोध एवम द्वेष रखकर इस मंत्र का जाप करने से भोले बाबा प्रसन्न होने की जगह Angry हो जाते है।

       इस मंत्र का जाप या उच्चारण सही हो इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप एक बार में 108 जप करना होता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के 108 जप मृत्युंजय महामंत्र के 108000 जप के बराबर फल मिलता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

भगवान शिव का नाम स्मरण करना ही शिव का सानिध्य प्राप्त करना है। भगवान शिव बहुत ही भोले होकर प्रसन्न जल्दी आशीर्वाद देने में विलम्ब नही करते है। हम आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे से अवगत करा रहे है। इस सृष्टि में ऐसा कोई कार्य नहीं होगा जो भगवान शिव के श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जाप करने से सफल नहीं होता। 

   श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र के जाप से जीवन में सुख – शांति, समृद्धि एवम धन की प्राप्ति होती है। यह मंत्र जीवन में आने वाली सारी बाधाओ का अंत करता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ही कर लिया जाए तो उस कार्य में बिना रुकावट सफलता मिलती रहती है। असाध्य बीमारी में दवाई का कार्य करते हुए स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

  श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप करने के असीमित फायदे है जिन्हे इच्छा वाइज गिनाना मुश्किल है फिर भी कुछ फायदे बताने की कोशिश कर रहे है – शिव पुराण अनुसार इस एक मंत्र का जाप  महामृत्युंजय मंत्र के 1000 जप के बराबर प्रभावशाली है। इस मंत्र का सदा जप करने वाले का मन हमेशा प्रफुलित रहता है। बाधा नाम का राक्षस हमेशा दूर रहता है। मानसिक विकारों से मुक्ति हो जाती है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ 

अनादि काल से सनातन संस्कृति में मंत्रो का महत्व ज्यादा होते हुए अलग अलग मंत्रो के जाप किए जाते रहे है। ऋषि मुनियों द्वारा तो भगवान प्राप्ति हेतु लंबी अवधि तक एवम जीर्ण शीर्ण होने तक मंत्रो का जाप करके भगवान और सिद्धिया प्राप्त की जाती रही है।

  •     श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र भी ऐसे जप में शामिल है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के लाभ की गिनती करना सूर्य को दीपक बताने वाली बात है फिर भी इस मंत्र के लाभ बताने की इच्छा है। इस मंत्र का जाप अच्छी नियत से सिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

   अनादि काल से ऋषि मुनियों द्वार इस मंत्र के साथ प्रकृति की जड़ी बूटियों को सिद्ध कर आयुर्वेदिक दवाइयों का निर्माण किया है। अतः इस मंत्र को जड़ी बूटियों के साथ सिद्ध कर असाध्य बीमारियों पर विजय प्राप्त कर सकते है।. 

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र अर्थ सहित

भगवान शिव के मंत्र प्रभावशाली और महत्वपूर्ण होते है। आपको भी श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र अर्थ सहित जानने की प्रबल इच्छा हो रही होगी जिसे हम आपको बता रहे है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का बहुत ही सरल अर्थ है कि भक्त भगवान शिव को प्रणाम करते हुए विनंती कर रहा है कि शिव मेरा प्रणाम स्वीकार करे। शिव पुराण में यह मंत्र काफी सरल एवम सिद्ध है। यह सरल एवम साधारण लगने वाला मंत्र अत्यंत ही सिद्ध मंत्र है जिसमे भगवान शिव को प्रसन्न करने की शक्ति है।  यह मंत्र सरल जरूर है लेकिन इस मंत्र को पवित्रता, शांत चित्त एवम एकाग्रता से विधि पूर्वक करना चाहिए।

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